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स्वर्ण भस्म

 खासतौर पर पुरुषों के यौन स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा देने के लिए स्वर्ण भस्म का उपयोग किया जाता रहा है





आयुर्वेद चिकित्सा शास्त्र में भस्मों के द्वारा उपचार की विधा संहिता काल से ही चली आ रही है | भस्मों का अगर सम्यक एवं निर्देशित मात्रा में प्रयोग किया जाए तो यह विभिन्न प्रकार के रोगों में बिना किसी नुकसान के लाभदायी सिद्ध होती है |



यौन स्‍वास्‍थ्‍य के लिए प्रभावी

खासतौर पर पुरुषों के यौन स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा देने के लिए स्वर्ण भस्म का उपयोग किया जाता रहा है. इससे पुरुषों में स्तंभन दोष और समय पूर्व स्खलन जैसी समस्यापओं दूर होती हैं. इसका उपभोग करने पर पुरुषों में शुक्राणुओं की कमी को दूर किया जा सकता है.

इसे शरीर के सभी अंगों को स्‍वस्‍थ्‍य रखने में असरदार माना गया है. ये शारीरिक क्रियाओं की क्षमता को बढ़ाता है. पुरानी से पुरानी बीमारी के उपचार के लिए इसका उपयोग किया जाता है. खासतौर से मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ाने के लिए इसका उपयोग किया जाता है.

स्‍वर्ण भस्‍म युक्‍त दवा स्‍मृति, एकाग्रता, समन्‍वय और मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य में सुधार करती है. स्‍वर्ण भस्‍म को अवसाद, मस्तिष्‍क की सूजन और मधुमेह के कारण न्‍यूरोपैथी जैसी स्थितियों के विरुद्ध भी उपयोग किया जाता है.



मस्तिष्क के लिए :

स्वर्ण भस्म के आयुर्वेदिक गुण मस्तिष्क संबंधी कई समस्याओं को कम कर सकते हैं। एक वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, मस्तिष्क संबंधी दोषों को ठीक करने वाली दवाओं में स्वर्ण भस्म के लाभ देखे जा सकते हैं, लेकिन अभी इस पर और वैज्ञानिक शोध की जरूरत है। इसलिए, मस्तिष्क सुधार में इसका सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें

आंखों के लिए

आंखों के लिए स्वर्ण भस्म के लाभ हो सकते हैं। विशेषज्ञों के द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट के आधार पर यह बताया गया है कि स्वर्ण भस्म का उपयोग आंखों के लिए लाभदायक साबित हो सकता है। अध्ययन में यह भी बताया गया है कि जब स्वर्ण भस्म को पुनर्नवा (एक आयुर्वेदिक औषधीय पौधा) के साथ लिया जाता है तो और अच्छे परिणाम देखने को मिल सकते हैं

स्वर्ण भस्म के नुकसान

अगर स्वर्ण भस्म का अनुचित मात्रा और गलत तरीके से उपयोग किया जाए, तो यह बच्चों के साथ-साथ बड़ों के लिए भी हानिकारक हो सकता है । स्वर्ण भस्म के नुकसान उसके अशुद्ध होने से भी जुड़ा हो सकता है।

  • अगर स्वर्ण भस्म को ठीक तरह से तैयार न किया जाए, तो इसके सेवन से आपको बेचैनी महसूस हो सकती है।
  • इसका सेवन अधिक मात्रा में करने से आपकी शारीरिक शक्ति कम हो सकती है।
  • कुछ स्थितियों में यह भस्म कई प्रकार की बीमारियों का कारण भी बन सकती है।
  • अगर स्वर्ण भस्म का निर्माण अशुद्ध रूप से किया जाए, तो यह मानसिक स्थिति को नुकसान पहुंचा सकती है।
  • अशुद्ध स्वर्ण भस्म का सेवन शरीर के किसी अंग के डैमेज होने का कारण भी बन सकती है।

उम्मीद है कि अब आप स्वर्ण भस्म का उपयोग और स्वर्ण भस्म के नुकसान से परिचित हो गए होंगे। इसमें कोई दो राय नहीं कि अभी स्वर्ण भस्म पर बड़े स्तर पर वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है। फिर भी अभी तक जितने भी वैज्ञानिक अध्ययन हुए हैं, उसके आधार पर कहा जाता सकता है कि विशेष सावधानियों के साथ स्वर्ण भस्म का उपयोग किया जा सकता है। आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। इस आर्टिकल को अपने परिवार और दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।

ह्रदय स्वास्थ्य के लिए

स्वर्ण भस्म के औषधी गुण ह्रदय को स्वस्थ रखने के काम आ सकते हैं। विशेषज्ञों के द्वारा किए गए शोध के मुताबिक सोने में क्रोनिक डिसऑर्डर यानी पुरानी गंभीर बीमारियों को ठीक करने का गुण होता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ह्रदय रोग को भी क्रोनिक डिसऑर्डर माना गया है । यही कारण है कि ह्रदय रोगों की कुछ दवाओं में स्वर्ण भस्म का उपयोग किया जाता है।

कैंसर के लिए

कैंसर की समस्या में भी स्वर्ण भस्म के गुण देखे जा सकते हैं। विशेषज्ञों के द्वारा किए जा रहे एक शोध के दौरान यह पता चला है कि स्वर्ण भस्म के अति-सूक्ष्म यौगिक में कुछ ऐसे गुण भी पाए जाते हैं, जो कैंसर के इलाज के लिए बनाई जाने वाली दवा में प्रयोग किए जाते हैं ।

एक अन्य वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, कैंसर से ग्रसित लोगों में किए गए प्रयोगों के पश्चात यह देखा गया है कि स्वर्ण भस्म एक एंटी-कैंसर दवा के रूप में कार्य कर सकती है 




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