वीर्यपान क्या है
वीर्य मतलब "शुक्राणु" ,पान मतलब "पीना" शुक्राणु पीना या वीर्य पीना । दोस्तों वीर्यपान का मतलब होता है वीर्य को पीना। दोस्तों संभोग के बाद जब पुरुष के लिंग से जो वीर्य निकलता है उसी से मां के पेट में बच्चे का निर्माण होता है। दोस्तों लेकिन हर बार संभोग करके बच्चे पैदा नहीं किए जा सकते तो संभोग के बाद जो पुरुष का वीर्य होता है वह व्यर्थ चला जाता है । दूसरे देशों में संभोग के बाद शुक्राणु का वीर्यपान किया जाता है दोस्तों बहुत सारी पोर्न फिल्मों में या सब कुछ दिखाया जाता है। वेस्टर्न देशों में वीर्य पान का बहुत प्रचलन है लेकिन भारत में अभी इस चीज का ज्यादा प्रचलन नहीं है
अक्सर हम वीर्य और शुक्राणुओं में कोई अंतर नहीं समझते हैं, लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वीर्य में शुक्राणु होते हैं न की शुक्राणु, वीर्य है। वीर्य में शुक्राणुओं की मात्रा लगभग 2 से 5 प्रतिशत तक ही होती है बाकी 98 से 95 प्रतिशत भाग पुरुष प्रजनन अंगों से स्रावित होने वाले पदार्थ होते हैं। यह एक सफेद या भूरे रंग का तरल पदार्थ होता है वीर्य में पाये जाने वाले पदार्थों में अधिकतर हार्मोन होते हैं जिनमें एंडोर्फिन, न्यूरोट्रांसमीटर और इम्यूनोस्प्रप्रेसेंट्स, डीएनए, प्रक्टोज, साइट्रिक एसिड, फ्री एमिनो एसिड, एंजाइम, फॉस्फोरीक्कोलाइन , प्रोस्टाग्लैंडिन , पोटेशियम, एस्कॉर्बिक एसिड, कैल्शियम, मैग्नीशियम, विटामिन बी12, सोडियम, यूरिक एसिड, लैक्टिक एसिड, नाइट्रोजन, विटामिन सी, जिंक और प्रोटीन की अच्छी किस्में मौजूद रहती हैं जो कि वायरस और कवक आदि के खिलाफ एंटी माइक्रोवियल प्रभाव रखते हैं।
लेकिन दोस्तों इसे पीने के बहुत सारे फायदे और नुकसान भी होते हैं।
वीर्य पीने के लाभ:
- वीर्य पीने से मानसिक तनाव कम होता है वीर्य में एक खास प्रकार का केमिकल और हार्मोन पाया जाता है जिसकी वजह से सेवन करने से मानसिक तनाव कम होता है एक स्टडी में पाया गया है की जो महिलाएं वीर्य पान करती है उनमें डिप्रेशन जैसी समस्याएं कम होती है। क्योंकि वीर्य में डिप्रेशन दूर करने वाले केमिकल तथा हार्मोन पाए जाते हैं जो व्यक्ति को अच्छा फील कराता है।
- चेहरे संबंधित रोगों में लाभदायक होता है चेहरे पर लगाने से पिंपल मुहासे जैसे समस्याएं खत्म होती है।
- वीर्य में ऐसे बहुत सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं इन कारणों से अगर वीर्य को चेहरे पर लगाया जाए तो बहुत सारे चेहरे से संबंधित रोग खत्म हो जाते हैं।
- वीर्य पीने से शरीर में प्रोटीन तथा विटामिन के कमी दूर होती है क्योंकि वीर्य में भरपूर मात्रा में मल्टीविटामिन तथा पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह शारीरिक कमजोरी को भी कम करती है।
हानिकारक नहीं है पर उस से भी अधिक स्वास्थ वर्धक चीजे मौजूद है | वीर्यपान मुख मैथुन के दौरान होता है अतः ये पूर्णतः अपने पार्टनर के ऊपर निर्भर करता है की उसको कैसा लगता है| मुखमैथुन काम जीवन का अभिन्न अंग है लेकिन दोनों की रजामंदी से ही हो तो बेहतर |
वीर्य मुख्यतः पानी है, लेकिन मानव शरीर द्वारा उपयोग किए जानेवाले लगभग सभी प्रकार के पोषक तत्व की मात्रा पायी जाती है। इसमें आमतौर पर न्यून मात्रा में पाये जानेवाले खनिज जैसे मैग्नीशियम, पोटाशियम और सेलेनियम कुछ हद तक उच्च मात्रा में पाये जाते हैं।
एक आम स्खलन में 150 मिलीग्राम प्रोटीन, 11 मिलीग्राम कार्बोहाइड्रेट्स, 6 मिलीग्राम वसा, 3 मिलीग्राम कोलेस्ट्रोल, 7% पोटेशियम और 3% तांबा और जस्ता होता है। जब चयापचय होता है तब प्रोटीन 4 किलो कैलोरी/ग्रा., कार्बोहाइड्रेट भी 4 किलो कैलोरी/ग्रा. और वसा 9 किलो कैलोरी/ग्रा. प्राप्त होता है। इसलिए एक आम वीर्य स्खलन में खाद्य ऊर्जा 0.7 किलो कैलोरी (2.9 kJ) है|
अध्ययनों से पता चलता है कि जब कोई महिला वीर्यपान करती है या सेक्स के दौरान वीर्य उनकी योनि से होता हुआ रक्त प्रवाह में मिलता है तो इससे बेहतर नींद प्राप्त करने में मदद मिलती है क्योंकि इसमें रासायनिक मेलाटोनिन (chemical melatonin) होता है। शरीर में मेलाटोनिन की उपस्थिति के कारण यह व्यक्ति को आराम दिलाने और अच्छी नींद लाने में मदद करता हैं।
यूयॉर्क विश्वविद्यालय के शोधकर्ता और मनोवैज्ञानिकों के द्वारा किये गए अध्ययन से पता चलता है कि जो महिलाएं वीर्यपान करती हैं उनमें अन्य महिलाओं की अपेक्षा तनाव और अवसाद की कमी देखी गई है। क्योंकि वीर्य में शक्तिशाली एंटीड्रिप्रेसेंट और संज्ञानात्मक क्षमता को बढ़ाने वाले प्रभाव होते हैं।
0 Comments